जन वितरण प्रणाली में OTP के कारण राशन कार्डधारी को बहुत बड़े समस्या से जूझ रहे है

by Nanhku Singh

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 लोगो को भोजन और पोषण सुरक्षा प्रदान करती है. कानून सुनिश्चित करता है की कम शुल्क में अच्छी गुणवत्ता के साथ उचित मात्रा में राशन उपलब्ध हो. 

 

राष्ट्रिय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 लागू होने के उपरांत, जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकथाम के उद्देश्य से झारखण्ड सरकार द्वारा डिजिटलीकरण को अपनाया गया. इसमें आहार पोर्टल, इपोस मशीन आदि शामिल है. समय दर समय डिजिटल माध्यमों में बदलाव होते रहे हैं. 

जन वितरण प्रणाली में ऑनलाइन राशन वितरण डिजिटलीकरण प्रक्रिया का एक माध्यम बन गया है. और आहार पोर्टल के माध्यम से विभिन्न सुविधा जैसे नये राशन कार्ड के लिए आवेदन, राशन कार्ड में परिवार के सदस्यों का नाम जोड़ने व अन्य सेवाएं उपलब्ध है.  डिजिटलीकरण प्रक्रिया में नागरिकों को कुछ सुविधा जरुर ही प्राप्त हुई है, हालाँकि इसके विपरीत कुछ डिजिटलीकरण के माध्यम समस्या बन चुकी है. साल 2024 के शुरुआत  में आहार पोर्टल पर लागू  हुई ओटिपी स्वीकृति की अनिवार्यता राशन कार्डधारियों के लिए समस्या बन चुकी है. पंजीकृत राशन कार्ड से सम्बंधित बदलाव के लिए अब मोबाइल नंबर पर आये एक ओटिपी (वन टाइम पासवर्ड) की जरूरत पड़ती है, यह मोबाइल नंबर राशनकार्ड के मुखिया के आधार से लिंक होना चाहिए. बताते चलें की पंजीकृत राशन कार्ड में निम्न बदलाव; परिवार के सदस्यों के नाम जोड़ने, हटाने और हस्तांतरण, डीलर बदलने, मोबाइल नंबर और लिंग सुधार या परिवर्तन, राशन कार्ड समर्पण, मुखिया बदलने, और जन्मतिथि में सुधार कर सकते हैं.

ओटिपी अनिवार्यता के पहले उपर्युक्त सेवाओं के लिए आवेदन करना आसान हुआ करता था. 7 जुलाई को लातेहार जिला के मनिका प्रखंड के कोपे पंचायत में मुख्यमंत्री बहन-बेटी मई कुई स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के आवेदन लिए जन शिविर लगायी गयी, इस शिविर में नये राशन कार्ड और राशन कार्ड में सुधार या बदलाव के लिए भी आवेदन प्राप्त किये गये और पोर्टल के माध्यम से तुरंत कार्यवाही की गयी. 

राशन कार्ड में सुधार या बदलाव और नये राशन कार्ड के लिए लगभग 35 लोग शिविर में शामिल हुए, इसमें से एक तिहाई लोग ऐसे थे जिन्हें एक राशन कार्ड से किसी सदस्य नाम हटाकर, अन्य राशन कार्ड में नाम जोड़ने थे या नये राशन कार्ड के लिए आवेदन करना था. व समान राशन कार्ड में नये सदस्यों के नाम जोड़ने थे. मुख्य तौर पर राशन कार्ड में सदस्य का नाम हटाने और नये सदस्यों को जोड़ने की प्रक्रिया शामिल थी. 

लेकिन राशन कार्ड से सम्बंधित बदलाव के लिए ओटिपी अनिवार्यता की वजह से एक तिहाई (28 से 30) में से कई लोगो के कार्य नहीं हुए. मुख्य तौर पर लोगो को राशन कार्ड में सदस्य का नाम हटाने और नये सदस्यों को जोड़ने के लिए समस्या का सामना करना पड़ा. 

कोपे पंचायत सहित मनिका प्रखंड में कई परिवार के मुखिया के आधार के साथ मोबाइल नंबर लिंक नहीं है. क्योंकि पहले आधार कार्ड बनाये जाने के समय मोबाइल नंबर की आवश्यकता ही नहीं थी, उस वक्त ज्यादातर लोगों के पास मोबाइल भी नहीं होता था .

ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अधिकतर लोग का मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा नहीं है. इन्हें पता भी नहीं की राशन कार्ड में बदलाव या सुधार के लिए आधार से मोबाइल नंबर जुड़ा होना चाहिए और पोर्टल में ओटिपी की जरूरत होगी. कई राशन कार्ड तो ऐसे है जिसके मुखिया का मृत्यु हो चुका है, मृत व्यक्ति के आधार में मोबाइल नंबर लिंक कराना असंभव सी बात है. यह एक बड़ी समस्या के रूप में कार्डधारियों के सामने आ चुकी है.

जब ग्रामीण किसी सदस्य का नाम जोड़ने या हटाने आदि कार्य के लिए ऑनलाइन केंद्र (प्रज्ञा केंद्र, सेवा केंद्र, आधार केंद्र आदि) जाते है, तब कम्पुटर ऑपरेटर द्वारा कहा जाता है की आधार में मोबाइल नंबर लिंक करवाना होगा. ये बात लोगो को स्पष्ट समझने में दिक्कत होती है, वे राशन कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक करवाना समझ जाते हैं. उचित मार्ग व मदद नहीं मिलने से लोग भ्रमित होते हैं और वास्तविक कार्य रुक जाता है.  फिर भी अगर वह किसी तरह  पूछ-पाछ के यह पता कर लेते हैं की आधार में मोबाइल नंबर लिंक करवाने के लिए आधार सेंटर जाना होगा, तो यह भी उनके लिए समस्या का विषय बन जाता हैं. क्यूंकि लोगों को आधार सेंटर आने-जाने  में ज्यादा खर्च हो जाता है.  यह आधार सेंटर ज़ाय्दातर शहरों में स्थित होते  हैं और अधिकतम परिवार शहर से दूर गाँव में रहते है. साथ-साथ लोगों को आधार सेंटर  में भी आधार में कोई भी सुधार या मोबाइल नंबर जुडवाने के लिए  भी शुल्क देना होता है. 

राशन कार्डधारी पंचायत या प्रखंड में जन शिविर के दौरान आवेदन जमा करते हैं, इस अपेक्षा के साथ की उनके आवेदन से लाभ मिलेगा या समस्या का समाधान होगा. एक-दो माह बीत जाने पर राशन डीलर से संपर्क कर लाभ या समस्या के समाधान की जानकारी लेते हैं. पर राशन डीलर जानकारी देता है कि, प्रखंड द्वारा आवेदन पर कोई कार्यवाही नही गया है. कार्डधारी आगे की जानकारी जानने की लिए राशन डीलर को अनुरोध करते हैं. अंततः डीलर द्वारा प्रखंड अधिकारी से बात करने पर पता चलता है की राशन कार्ड के मुखिया के आधार में मोबाइल नंबर लिंक नहीं है. जिस वजह से सम्बंधित राशन कार्ड बदलाव/सुधार पोर्टल नहीं खुला.